Sunday, 16 December 2018

Chaturveda Shlokas - Sanskrit


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। ऋग्वॆद मूर्ति स्वरूपं ।



ऋग्वॆदः श्वेथवर्णस्स्यात् द्विभुजॊ रासभाननः ।

अक्षमालाधरः स्ॐयः प्रीतॊ व्याख्यापनॊद्यतः ॥

मयूरास्या  शुभ्रवर्णा कटकद्वयभूषिता ।

हस्ताभ्यां दधती पद्मं पीतवस्त्रमनूपमम् ॥

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। यजुर्वॆद मूर्ति स्वरूपं ।



अजास्यः पीतवर्णः स्यात् यजुर्वॆदॊक्षसूत्रधृत् ।

वामेकुलिषपाणिस्तु भूतिदॊ मंगलप्रदः ।

पूर्णेंदु वदना शुभ्रा सृगया लक्षणं शृणु ।

रक्तुवर्णा  विशालाक्षी पद्महस्ता कृषॊदरी ।

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। सामवॆद मूर्ति स्वरूपं ।



नीलॊत्पलदलाभासः सामवॆदॊ हयाननः ।

अक्षमालाधरॊ दॆवॊ वामे कंभुधरः स्मृतः ।

पूर्णेंदुवदना शुभ्रा भुजद्वय विभूषिता ।

पद्मपाणिरियं दॆवी रक्तवस्त्रॆण शॊभिता ॥

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। अथर्ववॆद मूर्ति स्वरूपं ।



अथर्वणाभिदॊ वॆदः धवलॊ मर्कटाननः ।

अक्षमालाधरॊ दॆवॊ वामे कुंभधरः स्मृतः ॥

सूकरस्य़ा चकॊराक्षी चंपकाभा सितांशुका ।

भुजौक्षश्चतुर्भिः संधत्तॊ स्कृक्सृवौ कमलं घटम् ॥

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